Sunday 2 November 2014

SWATANTRATA SANGRAM

                       स्वतंत्रता संग्राम 

                                             DATED-15.08.2013
वो भारत था सोने  चिड़िया,
वो भारत था इक तारा,
जगमगाया जब-जब वो 
सारी क़ायनात को रोशन डाला। 

एक बार लुटेरों ने उसे पूरा लूट डाला 
ले गए तारा वो हमारा, वो सम्मान हमारा !
हमें  उन्होंने ललकारा 
सो डट खड़े हुए हम 
लेकर यलगार का नारा।

खड़े रहे पर झुके नहीं ,
इरादा जो था अडिग हमारा 
क्योंकि था प्यारा हम सबको 
हमारा भारत न्यारा !

सारे जहाँ से अच्छा  
था हिंदोस्ता हमारा 
तभी वन्दे मातरम का लिए 
अहिंसा के मार्ग पर चला भारत सारा । 

लुटेरे डर के मारे थर-थर  कांपे ,
और दांतो  तले  ऊँगली उसने चबा डाली ,
मारी थी स्वयं के ही पाँव  पर कुल्हाड़ी जो उसने
सो भाग खड़ा हुआ लिए हार की धारा । 



                                                                                                       -पार्थ भंडारी 







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