श -शकुनी
DATED-22.04.2014
जब जब शकुनी शकुन अवसर पर
शक पैदा कर शंकालु हो उठता है ;
तब तब शाक्त भीष्म भी शिथिल पड जाते है।
शबनम की शाम में जैसे शत्रुता स्थापित हो जाती है,
शतरंज की चाल से लगते है शकुनि के शोले से शोषक शब्द ।
-पार्थ भंडारी
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